ऑन -लाइन लघुकथा गोष्ठी
अछूते कथ्य पर लघुकथा सृजन एक महवपूर्ण उपलब्धि - कांता राय
भोपाल | अछूते कथ्य पर लघुकथा सृजन एक महत्वपूर्ण कार्य है अभी वरिष्ठ कथाकार राज बोहरे द्वारा प्रस्तुत लघुकथा 'क्रेडिट-कार्ड ' प्रस्तुत की गई वह किसान और उनकी समस्याओं और खासतौर से क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग को लेकर लिखी गई सम्भवतया प्रथम लघुकथा है उन्हें बहुत बहुत बधाई | यह उदगार हैं वरिष्ठ लघुकथकार और निदेशक लघुकथा शोध केंद्र भोपाल की निदेशक कांता राय के जो केंद्र द्वारा आज आयोजित ऑन -लाइन लघुकथा गोष्ठी के अवसर पर कार्यक्रम का संचालन
करते हुए अपनी बात रखी | इस आयोजन में सर्व प्रथम डॉ वर्षा ढोबले ने अपनी मानवेत्तर लघुता 'परिवार' पढ़ी जिसमें एक कबूतर कबूतरी के माध्यम से परिवार में बुजुर्गों के महत्व को प्रतिपादित किया गया है | इसके पश्चात 'छुट्टी' लघुकथा में सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की व्यथा को प्रस्तुत किया सुनीता प्रकाश ने | इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए 'घर वापिसी' लघुकथा में केरोनो संकट के दौरान घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का दर्द व्यक्त किया गया है ,इसी लाकडाउन के दर्द में गरीबों की पीड़ा को अभिव्यक्ति दी डॉ वर्षा चौबे ने अपनी 'भूख " नामक प्रभावी लघुकथा से इस अवसर पर सुपरिचित लघुकथकार मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने गुल्लक के माध्यम से पैसों की बचत को बताया गया |इस क्रम को आगे बढ़ाया वरिष्ठ रचनाकार जया आर्य ने 'आग' लघुकथा के माध्यम से और 'लाकडाउन' लघुकथा प्रस्तुत की सरिता बाघेला ने और 'काम वाली बाई ' लघुकथा के माध्यम से स्कूल।में पड़ने वाले बच्चों के दर्द को अभिव्यक्त किया घनश्याम मैथिल'अमृत' ने ,इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार राज बोहरे ने किसानों की समस्याओं को केंद्र में रखकर 'क्रेडिट -कार्ड' रचना का प्रभावी पाठ किया।